नक्सलवाद के कारण पूरा देश और हमारा छत्तीसगढ़ त्रस्त है और लगता है नक्सलवाद की समस्या कुछ वर्षो बाद श्रीलंका के लिट्टे की तरह गंभीर रूप न लेले.
मगर इन सभी के बीच निर्दोष आदिवाशी मारे जाते रहे है और हमारे सिपही बेकार ख़ुफ़िया तंत्र के कारण मारे जा रहे है छत्तीसगढ़ में तो नक्सलवाद नाशुर बन गया है.
अब यहाँ और आस-पास के राज्यों में रास्ट्रपति साशन लगा दिया जाना जरुरी हो गया है.
जरा गंभीर चिंतन करने का विषय है, अगर नक्सलवाद ने श्रीलंकन लिट्टे का रूप ले लिया तो फिर पुलिस क्या,सुरक्षा बल क्या, थल सेना और वायु सेना तो लानी ही पड़गी ?
इस कारण कल करे सो आज कर की निति अपनाते हुवे एक देश व्यापी गंभीर चिंतन कर नक्सलवाद के खिलाफ सेना का इस्तमाल किया जाये ??
Thursday, April 8, 2010
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ब्लॉग की शुरुआत पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteअमित जोगी